Tag: bankar ke dhool ke kan charno se lipat jaun

दुर्गा माँ भजन

बनकर के धूल के कण चरणों से लिपट जाऊं भजन लिरिक्स

बनकर के धूल के कण, चरणों से लिपट जाऊं, तेरे आँचल की छैया, मैं आके सिमट जाऊं, बनकर के धुल […]

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