मैं हूँ शरण में तेरी संसार के रचैया भजन लिरिक्स

मैं हूँ शरण में तेरी संसार के रचैया, कश्ती मेरी लगा दो उसपार ओ कन्हैया।। तर्ज – मैं ढूढ़ता हूँ…

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