अधम उधारण जीवो ने तारन गंगा माँ नवावे रे

अधम उधारण जीवो ने तारन गंगा माँ नवावे रे

अधम उधारण जीवो ने तारन, गंगा माँ नवावे रे, जनम मरण रा पाप धोयने, भवसागर सु तिरावे रे, अरेे जनम मरण रा पाप धोयने, भवसागर सु तिरावे रे।। साठ हजार सुत राजा सगर रा, गंगा माँ नवावे रे, हर की पोढी हरिद्वार में, दर्शन माँ दरसाया रे, हर की पोढी हरिद्वार में, दर्शन माँ दरसाया … Read more

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