बिनती सुनिए नाथ हमारी भजन लिरिक्स
बिनती सुनिए नाथ हमारी, दोहा – प्रीतम बसे पहाड़ में, मैं यमुना के तीर, अब तो मिलना मुश्किल है, पाँव पड़ी है जंजीर। …
बिनती सुनिए नाथ हमारी, दोहा – प्रीतम बसे पहाड़ में, मैं यमुना के तीर, अब तो मिलना मुश्किल है, पाँव पड़ी है जंजीर। …