मोर पंख वाला मिल गया भजन लिरिक्स
अकेली गई थी ब्रज में, कोई नहीं था मेरे मन में, मोर पंख वाला मिल गया, मोरपंख वाला मिल गया।। नींद चुराई बंसी …
अकेली गई थी ब्रज में, कोई नहीं था मेरे मन में, मोर पंख वाला मिल गया, मोरपंख वाला मिल गया।। नींद चुराई बंसी …