एक बार तो मोहन आजा रे मिलने के लिए मन तरसे है लिरिक्स 29/10/2021 by Shekhar Mourya एक बार तो मोहन आजा रे, मिलने के लिए मन तरसे है, मिलने के लिए मन तरसे है, बतिया के लिए मन तरसे … पूरा भजन देखें