बंधन काट किया निज मुक्ता सारी विपत निवारी
बंधन काट किया निज मुक्ता, सारी विपत निवारी, मारा सतगुरु ने बलिहारी।। वाणी सुणत प्रेम सुख उपज्यो, दुरमति गई हमारी, […]
बंधन काट किया निज मुक्ता, सारी विपत निवारी, मारा सतगुरु ने बलिहारी।। वाणी सुणत प्रेम सुख उपज्यो, दुरमति गई हमारी, […]