मनवा राम सुमर मेरे भाई रे राजस्थानी भजन लिरिक्स
मनवा राम सुमर मेरे भाई रे, सुमरिया बिना मुक्ति नहीं होवे, भवजल गोता खाई रे, मनवा राम सुमर मेरे भाई।। […]
मनवा राम सुमर मेरे भाई रे, सुमरिया बिना मुक्ति नहीं होवे, भवजल गोता खाई रे, मनवा राम सुमर मेरे भाई।। […]