तेरे मन में राम तन में राम रोम रोम में राम रे
तेरे मन में राम, तन में राम। दोहा – राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट, अंत काल पछतायेगा, जब प्राण …
तेरे मन में राम, तन में राम। दोहा – राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट, अंत काल पछतायेगा, जब प्राण …
भजन बिना चैन ना आये राम श्लोक – बैठ के तु पिंजरे में, पंछी काहे को मुसकाय, हम सब है इस जग में …