पूरब से जब सूरज निकले सिंदूरी घन छाए भजन लिरिक्स
पूरब से जब सूरज निकले, सिंदूरी घन छाए, पवन के पग में नुपुर बाजे, मयूर मन मेरा गाये, मन मेरा गाये, ॐ नमः …
पूरब से जब सूरज निकले, सिंदूरी घन छाए, पवन के पग में नुपुर बाजे, मयूर मन मेरा गाये, मन मेरा गाये, ॐ नमः …