तेरा कैसे कर्ज चुकाऊं कितने एहसान गिनाऊं लिरिक्स
तेरा कैसे कर्ज चुकाऊं, कितने एहसान गिनाऊं, तू देकर भूलने वाला, मैं हर पल हाथ फैलाऊं।। तर्ज – तुझे सूरज कहूं या। एक …
तेरा कैसे कर्ज चुकाऊं, कितने एहसान गिनाऊं, तू देकर भूलने वाला, मैं हर पल हाथ फैलाऊं।। तर्ज – तुझे सूरज कहूं या। एक …