जितने प्रेमी तेरे मैं सबको शीश झुकाऊँ लिरिक्स
जितने प्रेमी तेरे, मैं सबको शीश झुकाऊँ, किसी के अवगुण कभी न देखूँ, गुण झोली में पाऊँ, जितने प्रेमी तेरें, मैं सबको शीश …
जितने प्रेमी तेरे, मैं सबको शीश झुकाऊँ, किसी के अवगुण कभी न देखूँ, गुण झोली में पाऊँ, जितने प्रेमी तेरें, मैं सबको शीश …