जय जय जनक सुनन्दिनी हरि वन्दिनी हे आरती लिरिक्स

जय जय जनक सुनन्दिनी हरि वन्दिनी हे आरती लिरिक्स

जय जय जनक सुनन्दिनी, हरि वन्दिनी हे, दुष्ट निकंदिनि मात, जय जय विष्णु प्रिये।। सकल मनोरथ दायनी, जग सोहिनी हे, पशुपति मोहिनी मात, …

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