जद नाचूं म्हारा कानुड़ा एडी रे लाग्यो रे कांकरो
जद नाचूं म्हारा कानुड़ा, दोहा – आँखडल्या झाई पडी, पंथ निहार निहार, जीभडल्या छाला पड्या, कृष्ण पुकार पुकार। कन्दोरो घड़ा दे म्हारे, चटको …
जद नाचूं म्हारा कानुड़ा, दोहा – आँखडल्या झाई पडी, पंथ निहार निहार, जीभडल्या छाला पड्या, कृष्ण पुकार पुकार। कन्दोरो घड़ा दे म्हारे, चटको …