जगत सेठाणी म्हारी दादी माँ कुहावे भजन लिरिक्स
जगत सेठाणी म्हारी, दादी माँ कुहावे, मोटी ये सेठाणी म्हारी, नारायणी कुहावे, जो भी मंगल करावे, जो भी चुनड़ी चढ़ाए, मालामाल करसी, झोली …
जगत सेठाणी म्हारी, दादी माँ कुहावे, मोटी ये सेठाणी म्हारी, नारायणी कुहावे, जो भी मंगल करावे, जो भी चुनड़ी चढ़ाए, मालामाल करसी, झोली …