अवगुण छोड़ो भाई गुण ने पकड़ो भजन लिरिक्स

अवगुण छोड़ो भाई गुण ने पकड़ो भजन लिरिक्स

अवगुण छोड़ो भाई, गुण ने पकड़ो। दोहा – तीनलोक नवखंड में, म्हारा सतगुरु राली डोर, जिन पर हंसा ना चडे, बिरा क्या सतगुरु …

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