जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है हिंदी भजन लिरिक्स
जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफी है, क्यों भटकूँ गैरों के दर पे, तेरा दरबार काफी है।। नहीं […]
जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफी है, क्यों भटकूँ गैरों के दर पे, तेरा दरबार काफी है।। नहीं […]