भोलेनाथ कठे बिराजीया थे तो ध्यान में
भोलेनाथ कठे बिराजीया, दोहा – ध्यान लगायो पहाडा में, ओर घर बार सब छोड़, पार्वता वन में एकली, आवो नन्दी […]
भोलेनाथ कठे बिराजीया, दोहा – ध्यान लगायो पहाडा में, ओर घर बार सब छोड़, पार्वता वन में एकली, आवो नन्दी […]