व्यर्थ क्यों भटकता प्राणी सुबह से शाम रे
व्यर्थ क्यों भटकता प्राणी, सुबह से शाम रे, हरि नाम गा ले रे बन्दे, मिलेगा आराम रे, प्रभु नाम गा…
Read Moreव्यर्थ क्यों भटकता प्राणी, सुबह से शाम रे, हरि नाम गा ले रे बन्दे, मिलेगा आराम रे, प्रभु नाम गा…
Read Moreकभी तू ना सोचा, मन से ना पूछा, तुझको ये जीवन, दिया किसलिए है, नर तन ये पाया, प्रभु को…
Read Moreजल्दी करील बजार उठी जायगा, जीवन की रेल छूटी जायगा, यमपुरी को टिकट कटी जायगा, जीवन की रेल छूटी जायगा।।…
Read Moreतुझ बिन कौन खबर ले हमारी, ओ संसार के पालनहारी, ओ संसार के पालनहारी।bd। देखे – अब सौंप दिया इस…
Read Moreथारे दरबार में भैरू जी, सगला झुक जावे, थारी ही किरपा सु बाबा, सगला सुख पावे, भैरू जी मतवाला, इनको…
Read Moreकहीं राम लिख दिया है, कही श्याम लिख दिया है, सांसो के हर सिरे पर, सांसो के हर सिरे पर,…
Read Moreबिना बईल गेरी गाड़ी, गुरु सिंगाजी न, बिना बईल गेरी गाडी रे, हो आसी राजा का द्वार पर ठाड़ी, गुरु…
Read Moreदेख लिया दुनिया का नजारा, ना हम किसी के ना कोई हमारा।bd। तर्ज – और इस दिल में। झूठी है…
Read Moreहम पंछी परदेशी मुसाफिर, आये है सैलानी। दोहा – कबीर मन पंछी भया, भावे तो उड़ जाय, जो जैसी संगती…
Read Moreसासु जी से हंस के बोली, एक दिन घर में बहुरानी, कृष्ण नाम का सुमिरन करलो, दो दिन की है…
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