आरती गंगा मैया की कीजे लिरिक्स
आरती गंगा मैया की कीजे, दोहा – भवसागर से तार कर, करती मोक्ष प्रदान, भागीरथ तप से मिलीं, गंगा जी…
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Read Moreओ जी मोटा देवता शनि महाराजा, आया धरती पर।। धरती ने लागा आसमान ने लागा, लागा नो लख तारा, चाँद…
Read Moreजिनके राम भरोसा भारी, दोहा – सतगुरु दयाल मुझ पर मेहर करी, तब ज्ञान का दीपक जारा, भ्रम अंधेरा मिट…
Read Moreप्रथमं सुमरन हो रे गजानन, प्रथमं सुमरन हो रे विनायक।। मूषक वाहन आवो गजानन, रिद्धि सिद्धि संग तम लावो विनायक,…
Read Moreएक बात म्हारा, मायळा में उपजे, थाने सरीखा थे ही हो, एक राम दुजे दशरथ घर, तिजो दिखे नही हो,…
Read Moreमेरा गुरु लागे मोय प्यारा, दोहा – सुंदर सतगुरु वन्दिये, वन्दन सोही योग, औषध शब्द पिलाय के, दूर किया सब…
Read Moreभजन बिना कठे बतावेला मुंडो, दोहा – भलो मानुष तन पायके, क्यूँ बिसरायो पीव, किशनदास भूल्यो फिरे, किणके भरोसे जीव।…
Read Moreरोहित दास जी महा तपधारी, दोहा – बिलाडो हद सोवनो, जटे हुआ तपस्वी दिवान, कठोर तपस्या रोहित दास की, प्रगट…
Read Moreअबके सतगुरु मोय जगायो, दोहा – स्वामी सतगुरु ब्रह्म हैं, फेर सार नहीं कोय, सुंदर तिनको सिमरते, सब सिद्द कारज…
Read Moreशरणे थारे आयो हे भादवा, माँ दरसन माने दीजो ऐ, भगता रो हेलो सुणो ऐ भादवा, शरणा में माने लीजो…
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