गणपति की सेवा मंगल मेवा आरती लिरिक्स
गणपति की सेवा मंगल मेवा, श्लोक – व्रकतुंड महाकाय, सूर्यकोटी समप्रभाः, निर्वघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा। गणपति की सेवा मंगल मेवा, सेवा से सब विघ्न टरें, तीन लोक तैतिस देवता, द्वार खड़े तेरे अर्ज करे। रिद्धि सिद्धि संग विराजे, आनन्द सों चवर ढुरे, धूप दीप और लिए आरती, भक्त खड़े जयकार करे।। गुड़ के … Read more