मंदिर लगी रौशनी बुझाऊँ कैसे मेरा रूठ गया सांवरिया कैसे लिरिक्स

मंदिर लगी रौशनी बुझाऊँ कैसे,
मेरा रूठ गया सांवरिया कैसे,
मेरा रूठ गया सांवरिया कैसे।।



सोने की थाली में भोजन परोसा,

सोने की थाली में भोजन परोसा,
जीमे नहीं सांवरो जिमाऊं कैसे,
मेरा रूठ गया सांवरिया कैसे,
मेरा रूठ गया सांवरिया कैसे।।



लड्डूवा रा भोग कलाकंद रबड़ी,

लड्डूवा रा भोग कलाकंद रबड़ी,
खावे नहीं सांवरो खिलाऊं कैसे,
मेरा रूठ गया सांवरिया कैसे,
मेरा रूठ गया सांवरिया कैसे।।



सोने के गढ़वे पे ताजा सा पानी,

सोने के गढ़वे पे ताजा सा पानी,
पीवे नहीं सांवरो पिलाऊं कैसे,
मेरा रूठ गया सांवरिया कैसे,
मेरा रूठ गया सांवरिया कैसे।।



फुला का हार मोत्या की ओ माला,

फुला का हार मोत्या की ओ माला,
पेरे नहीं सांवरो पेराऊं कैसे,
मेरा रूठ गया सांवरिया कैसे,
मेरा रूठ गया सांवरिया कैसे।।



मंदिर लगी रौशनी बुझाऊँ कैसे,

मेरा रूठ गया सांवरिया कैसे,
मेरा रूठ गया सांवरिया कैसे।।


By Shekhar Mourya

Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

2 thoughts on “मंदिर लगी रौशनी बुझाऊँ कैसे मेरा रूठ गया सांवरिया लिरिक्स”

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