भोलानाथ अमली जी म्हारा शंकर अमली भजन लिरिक्स

भोलानाथ अमली जी,
म्हारा शंकर अमली जी,
जटाधारी अमली,
बगिया मे भंगिया बूआय राखुली।
भोलानाथ अमली जी,
म्हारा शंकर अमली जी,
जटाधारी अमली,
सोने के कटोरे में छनाए राखुली।।



काई बोऊ काशीजी में,

काई जी प्रयाग,
काई बोऊ हर की पैडी,
काई जी कैलाश।
काशीजी मे केसर बोऊ,
चंदन प्रयाग,
हर की पैडी बिजया बोऊ,
धतूरो कैलाश।

भोला नाथ अमली जी,
म्हारा शंकर अमली जी,
जटाधारी अमली,
बगिया मे भंगिया बूआय राखुली।।



काई मांगे नांदियो जी,

काई जी गणेश,
काई मांगे भोलाशंभू,
जोगियो रो भेष।
दूर्वा मांगे नांदीयो जी,
मोदक गणेश,
भंगिया मांगे भोला शम्भू,
जोगियो रो भेष।

भोला नाथ अमली जी,
म्हारा शंकर अमली जी,
जटाधारी अमली,
बगिया मे भंगिया बूआय राखुली।।



घोटे घोटे नांदियो जी,

छाणत गणेश,
भर भर प्याला देवे गिरिजा,
पीवत महेश।
नाचे नाचे नांदियो जी,
नाचे गणेश,
नाचे म्हारो भोले शम्भू,
जोगियो रो भेष।

भोला नाथ अमली जी,
म्हारा शंकर अमली जी,
जटाधारी अमली,
बगिया मे भंगिया बूआय राखुली।।



आकडा की रोटी पोऊ,

धतुरे को साग,
विजया की तरकारी छमकू,
जीमो भोलानाथ।
आगे आगे नांदियो चाले,
लारे जी गणेश,
बिच पिछाडे मैया चाले,
जोगियो रो भेष।

भोला नाथ अमली जी,
म्हारा शंकर अमली जी,
जटाधारी अमली,
बगिया मे भंगिया बूआय राखुली।।



भोलानाथ अमली जी,

म्हारा शंकर अमली जी,
जटाधारी अमली,
बगिया मे भंगिया बूआय राखुली।
भोलानाथ अमली जी,
म्हारा शंकर अमली जी,
जटाधारी अमली,
सोने के कटोरे में छनाए राखुली।।


By Shekhar Mourya

Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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